पत्रकार यूँ बने ब्लौगर !!

यह चिट्ठा 22 मार्च 2007 को यहाँ प्रकाशित किया गया था। ब्लॉग की दुनिया बड़ी निराली है। जब आप विवादित हों तो आपको हिट्स भी मिलती हैं और प्रतिक्रियायें भी। जब आप एक भाव पूर्ण कविता लिखो तो आप को कोई नहीं पूछता -हां गिरिराज जी प्रशंसा करते हुए नाम के आगे प्रश्न चिन्ह जरूर… Continue reading पत्रकार यूँ बने ब्लौगर !!

बालक की अभिलाषा .

यह चिट्ठा 21 मार्च 2007 को यहाँ प्रकाशित किया गया था। चाह थी एक ‘सभ्य दुनिया’ में,कदम जब मैं बढ़ाऊं लोग मेरा प्रेम से स्वागत करें, और गीत गायें इन रास्तों पर चल चुके पहले कभी, वो ही मेरे पथ प्रदर्शक बन, गले अपने लगा लें चाह थी.. कोई जब उंगली पकड़कर,साथ मेरे यूँ चलेगा… Continue reading बालक की अभिलाषा .