नमस्कार!
मैं Ashley Layla , अन्तर-जाल व्यापार का विशेषज्ञ हूँ| मैं खोज यन्त्र संधान कर्ता भी हूँ | मैं इस क्षेत्र में गत 1 वर्षो से हूँ तथा इसके प्रत्येक गुण एवं दोष से भालीभाती परिचित हूँ| आपके किसी भी जिज्ञाषा को शांत करने में पूर्णतया समर्थ, मैं आपकी सेवा में उपस्थित हूँ !
इन सब के अलावे मेरी कुछ रुचियाँ भी हैं जिनमें कविता लेखन तथा चुटकुले सामिल हैं..मेरे साथ आप इनका भी आनंद ले सकते हैं |
मेरा पता यह है
जीमेल :- workwithseo@gmail.com
याहू :- ram_sachin@yahoo.co.in
हाटमेल : – workwithseo@hotmail.com
ये परिचय है एक चोर का जिन्होने अभी अभी एक चिट्ठा शुरु किया और इस चिट्ठे पर सारी की सारी रचनाऎं चोरी की हैं. यहाँ तक की इन्होने चित्र का मूल लिंक भी मूल चिट्ठे पर रखा है. इसी का फायदा उठाकर मैने अपनी चिट्ठे पर चित्र बदल दिया तो इनकी पोस्ट भी बदल गयी. आप भी देखिये.
मूल चिट्ठा | मूल लेखक-तिथि | चोर का नाम -तिथि | चोरी का माल |
वो कहते नहीं क्यूं मोहब्बत है उनको | | vinod kumar
Wednesday, September 19, 2007 |
January 23, 2008 — workwithseo | वो कहते नहीं क्यूं मोहब्बत है उनको… |
Mobile Hindi Love SMS’s | January 20, 2008 — workwithseo | Love SMS’s | |
टिंकू की दाढ़ी और लम्बाई | September 5, 2007 by chaturchacha | January 20, 2008 — workwithseo | टिंकू की दाढ़ी और लम्बाई |
आज कुछ कमी सी है तेरे बगैर | December 10, 2007 — दीपक | January 20, 2008 — workwithseo | आज कुछ कमी सी है तेरे बगैर |
मजेदार कार्टूनः टाटा नेनो के १० साइड इफेक्टस | January 16, 2008 — Tarun | January 20, 2008 — workwithseo | मजेदार कार्टूनः टाटा नेनो के १० साइड इफेक्टस |
ये कैसी बेबसी | Tuesday, May 29, 2007
by Neeraj Rajput |
January 20, 2008 — workwithseo | ये कैसी बेबसी |
“मैडम जी..कहाँ थी आप?” | December 6, 2007
राजीव तनेजा |
January 3, 2008 — workwithseo | “मैडम जी..कहाँ थी आप?” |
भूल गया | Friday, December 14, 2007
सुधांशू द्वारा |
January 3, 2008 — workwithseo | भूल गया |
रचनाकार: हिन्दी भाषा का प्रथम व्याकरण |
November 17, 2007 | December 30, 2007 — workwithseo | हिन्दी भाषा का प्रथम व्याकरण |
पारसी थियेटर, मुग़ले आज़म और माचिस की तीलियां
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11Dec07 जगदीश भाटिया |
December 31, 2007 — workwithseo | पारसी थियेटर, मुग़ले आज़म और माचिस की तीलियां |
क्रिसमस का इतिहास
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December 24, 2007 | December 30, 2007 — workwithseo | क्रिसमस का इतिहास |
इस तरह की चोरी पर लगाम लगाना पड़ेगा सर….बिना इजाजत के किसी का लिखा हुआ कैसे ले सकते हैं ऐसे लोग?…इनसे सम्पर्क करके इन्हें समझाईये.
इन्हें पहले तो सूचित किया जाए कि भाई इन्हें हटाओ. नहीं माने तो डोमेन प्रोवाइडर को बताया जाए. वैसे इस बारे में जीतू भाई ने दो पोस्टों में विस्तार से लिखा है-
http://www.jitu.info/merapanna/?p=791
http://www.jitu.info/merapanna/?p=667
गजब का चोर-सीनाजोर है यह पठ्ठा!
काकेश जी , आप लोग ही कोई समाधान निकालिये । मैंने देखा है कि आपने तो कॉपी राइट भी बना रखा है ।
घुघूती बासूती
gazab ka chor hai,kya samadhan ho sakta hai iska,but this should be stopped some where.
भैया विशेषज्ञ है वह. कोई क्या बिगाड़ लेगा.
काकेश भाई, क्या उपाय हो सकता है। पिछले छह साल से इंटरनेट प्रयोग कर रहा हूं पर ऐसी चोरी का समाधान नही मिल पाया है।
बधाई हो काकेश्जी।
काश कोई मेरी रचनाएं चुराता!
इतना अच्छा मत लिखा कीजिए।
कोई चोरी नहीं करेगा।
G विश्वनाथ, जे पी नगर, बेंगळूरु
चोरी की बधाई हो! जी विश्वनाथ जी की बात सही है!
बधाई हो 🙂
भई आपकी रचनाएँ हैं ही इतनी अच्छी कि बेचारे का दिल आ गया।
अरे काकेश जी ,
आप यह भूल गए ये जो परिचय आप दे रहे हैं वह यह से लिया गया है
http://deepakjoke.wordpress.com/about/
वैसे आज मुझे बहुत हँसी आ रही है .
अब इन सब का क्या कहा जाए
शाहब ऐश जी की मेल भी आ गयी मेरे पास जो करना हो कर लो
देखते हैं कौन क्या कर सकता है ?
गजब का सीना चोरी
वाह दाद देना पड़ेगा इस ब्लॉग के मालिक को |
और कुछ जरा इनका भी कीजिये
यह वो सारे पोस्ट ही मेरे हैं कोई और बीच मैं नही आएगा
Original Blog:– http://deepakjoke.wordpress.com/
Copied Blog:- http://webmsony.wordpress.com/
अब आप देख लो वैसे सारे पोस्ट मेरे ही होंगे
चोरी अच्छी बात नहीं है।
आपके इस चोर ने तो मेरी भी रचना चुराई हुई है