स्वामी जी का चिंतन

जो प्रशन आप उठाये रहिन वैसे तो ऊ बहुतैई बड़ा प्रशन है. ऊ पर तो कभी लिखबो करेंगे. अभी तो तो इतनो ही कहनो है कि इस प्रशन को सुनके तो गोस्वामी तुलसीदास जी भी घबरा गये.

किस सड़क को चुनुं मैं….

ज्ञान जी ने अपनी पोस्ट में राबर्ट फ्रोस्ट की एक कविता का जिक्र किया. रॉबर्ट फ्रॉस्ट की एक कविता मुझे भी बहुत प्रिय है. इसे टिप्पणी में ही चिपकाना चाह रहा था पर वहाँ टिप्पणी नहीं जा रही इसलिये इसे पोस्ट में ही दे रहा हूँ. इसका हिन्दी अनुवाद किसी के पास हो तो बतायें.… Continue reading किस सड़क को चुनुं मैं….

एक और भयानक चिट्ठाचोर..कहीं आपका…??

नमस्कार! मैं Ashley Layla , अन्तर-जाल व्यापार का विशेषज्ञ हूँ| मैं खोज यन्त्र संधान कर्ता भी हूँ | मैं इस क्षेत्र में गत 1 वर्षो से हूँ तथा इसके प्रत्येक गुण एवं दोष से भालीभाती परिचित हूँ| आपके किसी भी जिज्ञाषा को शांत करने में पूर्णतया समर्थ, मैं आपकी सेवा में उपस्थित हूँ ! इन… Continue reading एक और भयानक चिट्ठाचोर..कहीं आपका…??

क्या अमरीका में सचमुच ऎसा होता है?

मैं कभी अमरीका नहीं गया …हाँलाकि मेरे कई मित्र अभी अमरीका में हैं. वैसे मेरे पास भी कई ऑफर आये अमरीका जाने के (आई.टी. में यह कोई बड़ी बात नहीं है) लेकिन ना जाने क्यों अभी तक खुद को तैयार नहीं कर पाया इस के लिये. अभी कुछ दिनों पहले एक मित्र से मुलाकात हुई… Continue reading क्या अमरीका में सचमुच ऎसा होता है?

"ब्यूतीफूल बत क्राउडेड"

हिन्दी ब्लॉगिंग के इतिहास में पहले का बहुत महत्व रहा है. इसीलिये कोई ना कोई अपने आप को पहला साबित करने में जुटा है. किसी ने चलती ट्रेन से पहली पोस्ट लिखी तो कोई अस्पताल के वार्ड से पहली पोस्ट लिख रहा है.वैसे हमने भी एक पोस्ट चलती ट्रेन में रात को बारह बजे बाद… Continue reading "ब्यूतीफूल बत क्राउडेड"

स्त्रियां क्या खुद से सवाल पूछती हैं?

चार जनवरी को शिव कुमार जी की एक पोस्ट आयी थी रीढ़हीन समाज निकम्मी सरकार और उससे भी निकम्मी पुलिस डिजर्व करता है जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए रंजना जी ने कहा था. Ranjana said… शिव जी,आपकी लेख का अन्तिम पारा पढ़ कर लगा जैसे अपने अन्दर खौल रहे भावों को शब्द मिल गया.एक दम… Continue reading स्त्रियां क्या खुद से सवाल पूछती हैं?

मेरे संकल्प !!

नये साल में कुछ संकल्प लेने का प्रचलन आजकल जोरों पर है. शास्त्री जी ने जब अपने नव-वर्ष संकल्प ! बताये तो लगा कि ऎसे संकल्पों को सार्वजनिक करने से शायद मानसिक प्रेरणा मिले उन संकल्पों को पूरा करने की इसलिये मैं भी अपने संकल्प आपके साथ बाट रहा हूँ. व्यक्तिगत/पारिवारिक संकल्प 1. अपने वजन… Continue reading मेरे संकल्प !!

आओ विदा कर ही दें…

आओ अब इस वर्ष को विदा कर ही दें. हर साल जाते समय कुछ यादें छोड़ जाता है ..कुछ सपने ..जो सपने ही रह जाते हैं.. कुछ सुनहली यादें..कुछ नये रिश्ते ..कुछ नये मित्र ..कुछ पुरानी शत्रुताऎं…सब कुछ पुराना सा लगने लगता है…नया वर्ष ..मन को समझाने के लिये आ जाता है..कल से नया साल… Continue reading आओ विदा कर ही दें…

असहमति के बहाने

आज सुबह जब पोस्ट लिखी (सुबह सुबह चार बजे उठ कर) तो यह अन्दाजा नहीं था कि यह एक बहस का रूप ले लेगी.हाँलाकि मंशा तो थी ही कि एक बहस हो. लेकिन आशा के विपरीत लोग आये और उन्होने बिना किसी पूर्वाग्रह के अपने विचार लिखे. कुछ लोगों ने जहाँ मेरी सोच से सहमति… Continue reading असहमति के बहाने