एक ग्रेट फादर का बर्थडे…

हाय…! हाय…!! कैसी हो ? आइ एम फाइन…अच्छी हूँ…. सो यू आर कमिंग ना…? हाँ प्लान तो कर रही हूँ..बट तुमने बताया नहीं कि आज हॉलीडे क्यों है…? अरे सम फादर ..गॉडफादर का बर्थडे है… ओ…तुम्हारे फादर का बर्थडे है…!! अरे नहीं यार देश के फादर का बर्थडे है.. देश के फादर ..व्हाट डू यू… Continue reading एक ग्रेट फादर का बर्थडे…

क्या चिट्ठाकार बढ़ने से फायदा हुआ है?

मैं एक महीने से भी ज्यादा सक्रिय ब्लॉगिंग से दूर रहा. उसके बाद आया तो सोचा कि हिन्दी ब्लॉगिंग के बारे में ना सोच/लिख कर केवल अपनी बात ही लिखुंगा.लेकिन कुछ बातें हैं जो दिमाग में उमड़ घुमड़ रही हैं. सोचा लिख ही डालूं. पिछ्ले आठ नौ महीने में हिन्दी चिट्ठाजगत में कई परिवर्तन हुए… Continue reading क्या चिट्ठाकार बढ़ने से फायदा हुआ है?

सपना मेरा मनी मनी !!

मुन्नू को आज फिर डांट पड़ी.उसे ये डांट रोज ही पड़ती है जब भी वो क्रिकेट खेल के घर आता है.उसके पापा कहते कि उसे क्रिकेट पर ध्यान ना देकर पढ़ाई पर  ध्यान देना चाहिये. वो युवराज सिंह की तरह बनना चाहता है पर उसके पापा उसे कुछ और ही बनाना चाहते हैं. आज फिर… Continue reading सपना मेरा मनी मनी !!

एस.एम.एस.प्यार ( SMS Love)

सारा जमाना एस.एम.एस का है. “इंडियन आइडल” में एस.एम.एस. से सात करोड़ से भी ज्यादा वोट पड़े.लोग बोल रहे हैं इंडियन सही में आइडल बैठे हैं. वेल्ले बैठे हैं ..काम धाम है नहीं इसलिये मार एस.एम.एस पर एस.एम.एस  कर रहे हैं. लेकिन इन लोगों को ये नहीं मालूम जब एस.एम.एस नहीं था तब भी हम… Continue reading एस.एम.एस.प्यार ( SMS Love)

ऑटो/टैक्सी के लिये मोलभाव गलत है ? !

पिछले दिनों नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर जाना हुआ.टिकट काउंटर के पास ही एक विश्रामालय है. उसके पास खड़े रह कर प्रतीक्षा कर रहा था कि सामने एक बोर्ड लगा हुआ देखा. पहले हिन्दी में पढ़ा फिर सोचा शायद मैं गलत समझ रहा हूँ.फिर अंग्रेजी में पढ़ा. मतलब तो वही निकलता था हिन्दी वाला 🙂… Continue reading ऑटो/टैक्सी के लिये मोलभाव गलत है ? !

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चकाचक प्रगति का फंडा

देश चकाचक प्रगति कर रहा है.सैंसैक्स नयी ऊंचाइयां छू रहा है.पहले लखपति बहुत बड़े माने जाते थे अब करोड़पति की भी कोई औकात नहीं है.चारों और प्रगतिमय माहौल है.जितने पैसे पहले पांच दिन के मैच को जीतने पर भी नहीं मिलते थे उससे ज्यादा बीस ओवर के मैच को जीतने के मिल रहे हैं.जितने पैसे… Continue reading चकाचक प्रगति का फंडा

नो सॉरी ..नो थैंक्यू !!

समीर भाई ने लिखा ” अगर मैं कहूँ कि ९८ प्रतिशत भारत की आबादी को, जिसमें मैं भी शामिल हूँ, को न तो धन्यवाद देना आता है और न ही स्वीकारना आता है और न ही किसी का अभिनन्दन या प्रशंसा करना या फिर अपना अभिनन्दन या प्रशंसा स्वीकार करना, तो इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं… Continue reading नो सॉरी ..नो थैंक्यू !!

शांति की बेरोजगारी

वो आजकल परेशान थे.वो आजकल बेरोजगार थे.वो रह रह कर देश के बारे में सोचने लगते. देश के बारे में सोचने से उन्हे अच्छा लगता. उनका खुद का दु:ख कुछ कम हो जाता. पनवाड़ी की दुकान पर सिगरेट के कश लगाते लगाते वो सामने से गुजरते यातायात को देख रहे थे.स्कूल बसों में जाते हुए… Continue reading शांति की बेरोजगारी

वह जो आदमी है न : हरिशंकर परसाई

[इससे पहले भी हरिशंकर परसाई जी की कृतियां आपके सामने ला चुका हूँ. आज पेश है एक और व्यंग्य लेख पूर्व लेख : पवित्रता का दौरा:हरिशंकर परसाई क्रांतिकारी की कथा : हरिशंकर परसाई] निंदा में विटामिन और प्रोटीन होते हैं. निंदा खून साफ करती है, पाचन-क्रिया ठीक करती है, बल और स्फूर्ति देती है. निंदा… Continue reading वह जो आदमी है न : हरिशंकर परसाई

घूस खायें सैंया हमारे

हमारे पड़ोस के झा जी सरकारी कर्मचारी हैं. कल ट्रैफिक जाम को झेलते,कोसते घर पहुंचे ही थे कि उनकी धर्मपत्नी जी आ के खड़ी हो गयी और पूछ्ने लगी. आप कितना घूस लेते है जी? इस हमले के लिये वो तैयार ना थे.उन्होने थूक को निगलते हुए,स्थिति को संभालते हुए हिम्मत कर पूछा. लेकिन तुम… Continue reading घूस खायें सैंया हमारे