कका बालकनी में बैठे हà¥à¤ सामने पारà¥à¤• में खेलते हà¥à¤ बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को देख रहे थे.साथ ही पातड़ा (पंचाग) à¤à¥€ देख रहे थे. मैने उनसे पूछा. "कका.. पंचाग में कà¥à¤¯à¤¾ देख रहे हो..? " "अरे देख रहा था हरेला कब है. à¤à¥‹à¤² (कल) हरेला है." "ओ..कल है! कका बताइये कल कà¥à¤¯à¤¾ कà¥à¤¯à¤¾ करना है. " "अरे… Continue reading नराई हरेले की
Category: उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड
Articals On Uttarakhand Culture.( उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड की संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ पर आधारित लेख।)
परà¥à¤µà¤¤à¥€à¤¯ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° की शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€à¤¯ होली
डार दà¥à¤°à¥à¤® पलना,बिछौना नवपलà¥à¤²à¤¨ केसà¥à¤®à¤¨ à¤à¤à¤—ूला सौहे तन छवि à¤à¤¾à¤°à¥€ देंमदन महीपजू को बालक बसंत पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤¹à¤¿ जगावत गà¥à¤²à¤¾à¤¬ चटकारी दे. – कविवर देव पिछà¥à¤²à¥‡ अंक में हमने होली में शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€à¤¯ होली की बात की थी आज उसे ही आगे बà¥à¤¾à¤¤à¥‡ हैं. कà¥à¤› लोग मानते हैं परà¥à¤µà¤¤à¥€à¤¯ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में और विशेषकर कà¥à¤®à¤¾à¤Šà¤‚ में होली की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤… Continue reading परà¥à¤µà¤¤à¥€à¤¯ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° की शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€à¤¯ होली
हम मैहनतकश जग वालों से
शाम को जब यà¥à¤¨à¥à¤¸ à¤à¤¾à¤ˆ की पोसà¥à¤Ÿ पर फैज की रचना का जिकà¥à¤° सà¥à¤¨à¤¾ तो अपना खजाना देखा कि यह रचना तो मेरे पास थी ही और वह à¤à¥€ ‘गिरदा’ की आवाज में. ‘गिरदा’ ने यह रचना पिछà¥à¤²à¥‡ साल दिलà¥à¤²à¥€ में à¤à¤• कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में गाई थी और सौà¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ से उस कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में मैं à¤à¥€ शामिल था. मैने तब वह रचना रिकॉरà¥à¤¡ कर ली थी.
परà¥à¤²à¥€: आज शादी है.
आज परà¥à¤²à¥€ बहà¥à¤¤ खà¥à¤¶ थी.आज उसकी बारात जो आने वाली थी. उसकी सखियाठउसे तैयार करते करते बार बार उसे चिà¥à¤¾à¤¤à¥€ और परॠइस बात का बà¥à¤°à¤¾ à¤à¥€ नहीं मानती.सर में माà¤à¤—टीका, नाक में नथ, हाथों में पहà¥à¤‚ची और पिछोड़ा ओà¥à¥€ हà¥à¤ˆ परॠबहà¥à¤¤ सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° लग रही थी. बारात आने में अà¤à¥€ देर थी. परà¥à¤²à¥€… Continue reading परà¥à¤²à¥€: आज शादी है.
परà¥à¤²à¥€ : यह कैसी बीमारी?
“परॠतो जर से हणक रही है हो.” (परॠको तेज बà¥à¤–ार है). परà¥à¤²à¥€ की ईजा ने जजमानी के लिये निकलते हà¥à¤ जोसà¥à¤œà¥à¤¯à¥‚ से कहा. “ठीक है मैं गड़वा बॉजà¥à¤¯à¥‚ के वहां से बà¥à¤¯à¤¾à¤µ को (शाम को) मिकà¥à¤¸à¤šà¤° लेते आउंगा.” परà¥à¤²à¥€ सà¥à¤•à¥‚ल à¤à¥€ नहीं गयी. दिन à¤à¤° बà¥à¤–ार से तपती रही. उसकी ईजा ने ही… Continue reading परà¥à¤²à¥€ : यह कैसी बीमारी?
परà¥à¤²à¥€ : अà¤à¥€ नानतिन ही हà¥à¤ˆ हो
मलगाड़ से लौटते समय जोसजà¥à¤¯à¥‚ सोच रहे थे कि पांडे जà¥à¤¯à¥‚ का कहना à¤à¥€ सही ही ठहरा. परà¥à¤²à¥€ तो अà¤à¥€ नानतिन ही हà¥à¤ˆ. उसे अà¤à¥€ अकल जो कà¥à¤¯à¤¾ हà¥à¤ˆ अरे हम लोगो को ही उतनी अकल जो कà¥à¤¯à¤¾ ठहरी. पांडे जà¥à¤¯à¥‚ की रिशà¥à¤¤à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ तो लखनऊ, दिलà¥à¤²à¥€ सà¤à¥€ जगह ठहरी. वह बराबर दिलà¥à¤²à¥€, लखनऊ जाते रहने… Continue reading परà¥à¤²à¥€ : अà¤à¥€ नानतिन ही हà¥à¤ˆ हो
कà¥à¤®à¤¾à¤‚ऊनी होली: छालड़ी के रंग
छालड़ि का à¤à¤• पà¥à¤°à¤®à¥à¤– हिसà¥à¤¸à¤¾ होता है अशीष (आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦) देने का. हर घर में होली गाने के बाद होली का मà¥à¤–िया अपने साथियों के साथ घर के मà¥à¤–िया और उसके पूरे परिवार को लाख बरस जीने का आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ देता है. यह आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ पहले à¤à¤• गाने के रूप में सà¤à¥€ देवताओं को दिया जाता है.
परà¥à¤²à¥€:बà¥à¤¯à¤¾ टालने की उहापोह
जोसà¥à¤œà¥à¤¯à¥‚ तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥€ तो मति मारी गयी है.इतना अचà¥à¤›à¤¾ घर कहाठमिलेगा परà¥à¤²à¥€ को. चिंनà¥à¤¹ à¤à¥€ कैसा बढिय़ा सामà¥à¤¯ हà¥à¤† ठहरा. शादी बà¥à¤¯à¤¾ तो अंजल (संजोग) की बात होने वाली हà¥à¤ˆ. पहले तो डॉकà¥à¤Ÿà¤° बनना ही कितना मà¥à¤¶à¥à¤•à¤¿à¤² हà¥à¤† फिर परà¥à¤²à¥€ को डॉकà¥à¤Ÿà¤° बना à¤à¥€ लिया तो कौन सा उसको जनम à¤à¤° अपने घर में रख लोगे. बà¥à¤¯à¤¾ तो तब à¤à¥€ करना ही पड़ेगा ना.
कà¥à¤®à¤¾à¤‚उनी होली: à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ à¤à¥€,अशà¥à¤²à¥€à¤²à¤¤à¤¾ à¤à¥€
घर के सदसà¥à¤¯ घर के खिड़कियों जिनà¥à¤¹à¥‡ पहाड़ में छाजा कहा जाता है उससे रंग वाला पानी डालते हैं. तब बà¥à¥‡-बूà¥à¥‡ आगे पीछे हो जाते हैं और यà¥à¤µà¤¾ लोग मोरà¥à¤šà¤¾ संà¤à¤¾à¤²à¤¤à¥‡ हैं और à¤à¥€à¤—ते à¤à¥€à¤—ते चिà¥à¤¾à¤¨à¥‡ के लिये होली गाते रहते हैं.इसमें थोड़ी अशà¥à¤²à¥€à¤²à¤¤à¤¾ का पà¥à¤Ÿ à¤à¥€ कà¤à¥€ कà¤à¥€ आ जाता है जैसे…
परà¥à¤²à¥€ : बà¥à¤¯à¤¾ कैसे टलेगा
ईजा ने अपने सर के ऊपर से हरी घास का गटà¥à¤ ा à¤à¥€à¤£à¥‡ (चबूतरा) में रखा तो उसकी आवाज से परà¥à¤²à¥€ और उसके बाबू दोनों की सोच टूटी. शाम अब पहाड़ों से उतरकर पेड़ों के रासà¥à¤¤à¥‡ होते हà¥à¤ आंगन में आ चà¥à¤•à¥€. परà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ अनà¥à¤§à¥‡à¤°à¤¾ हो चà¥à¤•à¤¾ था. गोठमें गोरà¥-बाछ à¤à¥€ à¤à¥‚ख के मारे अड़ाट कर रहे थे. उनको à¤à¥€ अà¤à¥€ तक घास नहीं डाली थी. ईजा के आते ही परà¥à¤²à¥€ हाथ के à¤à¥‚ठे गिलास को लेकर उठी.