आप कहीं यह अनà¥à¤®à¤¾à¤¨ ना लगा लें कि मैं किसी कविता नामक सà¥à¤•à¤¨à¥à¤¯à¤¾ के पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤ªà¤¾à¤¶ में बंधकर कवि बनना चाहता हूठइसलिये मैं यह घोषणा करना चाहता हूठकि मà¥à¤ बाल बचà¥à¤šà¥‡à¤¦à¤¾à¤° को किसी से पà¥à¤¯à¤¾à¤° वà¥à¤¯à¤¾à¤° नहीं है (अपनी पतà¥à¤¨à¥€ से à¤à¥€ नहीं 🙂 ) बलà¥à¤•à¤¿ मैं तो लिखी जाने वाली कविता से पà¥à¤°à¥‡à¤®… Continue reading मैं कहीं कवि ना बन जाऊं….
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तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥‡ होने पर…..
यह चिटà¥à¤ ा 22 मारà¥à¤š 2007 को यहाठपà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ किया गया था। नैनीताल समाचार (जो कि शà¥à¤°à¥€ राजीव लोचन शाह दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ निकाला जाता है) के नये अंक में शà¥à¤°à¥€ मà¥à¤•à¥‡à¤¶ नौटियाल की यह कविता छपी है। शà¥à¤°à¥€ मà¥à¤•à¥‡à¤¶ नौटियाल की दूसरी बेटी का जनà¥à¤® 1 फरवरी को हà¥à¤† है। बहà¥à¤¤ सही सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ का वरà¥à¤£à¤¨ किया है… Continue reading तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥‡ होने पर…..
बालक की अà¤à¤¿à¤²à¤¾à¤·à¤¾ .
यह चिटà¥à¤ ा 21 मारà¥à¤š 2007 को यहाठपà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ किया गया था। चाह थी à¤à¤• ‘सà¤à¥à¤¯ दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾â€™ में,कदम जब मैं बà¥à¤¾à¤Šà¤‚ लोग मेरा पà¥à¤°à¥‡à¤® से सà¥à¤µà¤¾à¤—त करें, और गीत गायें इन रासà¥à¤¤à¥‹à¤‚ पर चल चà¥à¤•à¥‡ पहले कà¤à¥€, वो ही मेरे पथ पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤• बन, गले अपने लगा लें चाह थी.. कोई जब उंगली पकड़कर,साथ मेरे यूठचलेगा… Continue reading बालक की अà¤à¤¿à¤²à¤¾à¤·à¤¾ .