नौ-दो-गà¥à¤¯à¤¾à¤°à¤¹ रहने वाले यदि सà¥à¤¬à¤¹ के à¤à¥‚ले की तरह शाम को घर आकर “अनà¥à¤—ूंज बाइस” करें तो कà¥à¤¯à¤¾ हो ? किसी नये बà¥à¤²à¥‰à¤—र ने चà¥à¤ªà¤•à¥‡ से मेरे कान में सवाल पूछा. अब हम à¤à¥€ कोई पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ बà¥à¤²à¥‰à¤—र तो थे नहीं कि अपनी फà¥à¤°à¤¸à¤¤ का उपयोग,कà¥à¤› नया ना लिख पाने की हताशा में, अपने पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ संसà¥à¤®à¤°à¤£à¥‹à¤‚… Continue reading अनà¥à¤—ूà¤à¤œ 22: हिनà¥à¤¦à¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ अमरीका बन जाठतो कैसा होगा – पाà¤à¤š बातें
Category: अनà¥à¤—ूंज
Articals written for Anugunj (अनà¥à¤—ूनà¥à¤œ के लिये लिखे मेरे लेख)