रुका हूँ …चुका नहीं हूँ…

इस ब्लॉग पर कुछ भी लिखे हुए एक साल से ऊपर हो गया है। इस बीच ना जाने कितने नये ब्लॉग आ गये होंगे.. कितने इस ब्लॉगजगत से उकता कर जा चुके हौंगे..लेकिन मैं ना तो उकताया हूँ ना ही ब्लॉग से बोर हुआ हूँ। हाँ… कुछ दिनों के लिये अपने दूसरी जिम्मेवारियों को निभाने… Continue reading रुका हूँ …चुका नहीं हूँ…

शेरे की नीयत और बकरी की अक़्ल में फ़ितूर

जब शेर और बकरी एक ही घाट पानी पीने लगें तो समझ लो कि शेर की नीयत और बकरी की अक़्ल में फ़ितूर है। महमूद व अयाज का एक ही पंक्ति में बैठकर खाना भी ‘‘ऑडिट एंड इंस्पेक्शन’’ का हिस्सा है। सेठ साहब वास्तव में यह पता लगाना चाहते हैं कि खाने वाले अस्ली फ़क़ीर हैं या मैनेजर ने अपने यारों-रिश्तेदारों की पंगत बिठा दी है।

अलाहदीन अष्टम

अलाहदीन अष्टम उनके रोग न केवल बहुत से थे, बल्कि बहुत बढ़े हुए भी थे। इनमें सबसे खतरनाक रोग बुढ़ापा था। उनका एक दामाद विलायत से सर्जरी में नया-नया एफ़आर. सी.एस. करके आया था। उसने अपनी ससुराल में किसी का एपेंडिक्स बाक़ी नहीं छोड़ा। किसी की आंख में भी तकलीफ़ होती तो उसका एपेंडिक्स निकाल… Continue reading अलाहदीन अष्टम

तिरे कूचे से हम निकले

एक बंदर वाला भी अपने बंदर और बंदरिया की रस्सी पकड़े ये तमाशा देखने खड़ा हो गया। बंदर और लड़के बार-बार तरह-तरह के मुंह बनाकर एक दूसरे पर खोंखियाते हुए लपकते थे। ये कहना मुश्किल था कि कौन किसकी नक़ल उतार रहा है।

परुली तुमने मुझे गुनहगार बना दिया

मैने सुना था कि कभी कभी लेखक द्वारा रचा गया कोई काल्पनिक चरित्र लेखक से भी आगे निकल जाता है और लेखक को पाठकों के हिसाब से फिर उस चरित्र को ढालना पड़ता है. जैसे जब हैरी पॉटर की लेखिका ने अपनी किताब में हैरी पॉटर को मारने की बात की तो कई पाठकों ने… Continue reading परुली तुमने मुझे गुनहगार बना दिया

अजब-गजब मुशायरा

अरुण जी इस सिरीज पर नियमित टिपियाकर इसे जारी रखने का हौसला दे रहे हैं. वह पिछ्ले कई अंकों से मुशायरे के इंतजार में हैं.पिछ्ले अंक में उन्होने कहा “शेर के नाम पर गीदड तक के दर्शन नही कराये” . तो ज़नाब आज उनका और आपका भी इंतजार खत्म होता है.पेश है एक रोचक मुशायरा.… Continue reading अजब-गजब मुशायरा

जैसा जबाब वैसा सवाल

प्रवचन सुनकर लौटते हुए मनोहर और श्याम बातें करते हुए जा रहे थे.वह दोनों स्वामी जी की भक्तिपूर्ण बातों से बहुत प्रभावित थे. तभी मनोहर के मन में एक प्रश्न उठा कि क्या पूजा करते समय सिगरेट पीना उचित है ? उसने श्याम से पूछा. श्याम ने कहा कि तुम यह सवाल स्वामी जी से… Continue reading जैसा जबाब वैसा सवाल

टूलबार बनाओ, पैसा कमाओ

आप हर महीने 14 डॉलर ( लगभग 560 रुपये) से लेकर 1440 डॉलर (लगभग 57,000 रुपये) तक कमा सकते हैं.तो है ना फायदे का सौदा. ना आपको कंटेंट लिखना ना ही टिप्पणी करनी बस अपने टूलबार का प्रचार कर उसके डाउनलोड बढ़वाइये और घर बैठे पैसा कमाइये.

कुत्ता और इंटरव्यू

बिशारत जब प्रतीक्षालय यानी नीम की छांव तले पहुंचे तो कुत्ता उनके साथ था। उन्होंने इशारों में कई बार उससे विदा चाही, मगर वो किसी तरह साथ छोड़ने को तैयार न हुआ। नीम के नीचे वो एक पत्थर पर बैठ गये तो वो भी उनके क़दमों में आ बैठा और अत्यधिक उचित अंतराल से दुम हिला-हिला कर उन्हें कृतज्ञ आंखों से टुकर-टुकर देख रहा था।

गब्बर सिंह के ख़त पर दनदनाती टिप्पणीयां

गब्बर, सांभा, कालिया और हरी सिंह की टिप्पणीयां.