पिछà¥à¤²à¥‡ दिनों à¤à¤• सेमिनार में गया था और à¤à¤…ररà¥à¤ªà¥‹à¤°à¥à¤Ÿ पर à¤à¤• किताब दिखायी थी “डबà¥à¤¬à¥‡à¤µà¤¾à¤²à¥‡”. डबà¥à¤¬à¥‡à¤µà¤¾à¤²à¥‹à¤‚ के बारे में काफी कà¥à¤› सà¥à¤¨à¤¾ था. सà¥à¤¨à¤¾ था कि आई-आई-à¤à¤® वाले लोग उन पर अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ कर चà¥à¤•à¥‡ हैं. à¤à¤• बार बंगलौर में मà¥à¤à¥‡ à¤à¥€ à¤à¤• सेमिनार में इस संसà¥à¤¥à¤¾ के लोगों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ ही तैयार किया पà¥à¤°à¤œà¥‡à¤‚टेसन देखने को… Continue reading डबà¥à¤¬à¥‡à¤µà¤¾à¤²à¥‡
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मौलवी मजà¥à¤œà¤¨ से तानाशाह तक
कà¤à¥€ अपने बà¥à¤œà¥à¤°à¥à¤— या बॉस या अपने से अधिक बदमाश आदमी को सही रासà¥à¤¤à¤¾ बताने की कोशिश न करना। उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ ग़लत राह पर देखो तो तीन जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¥€ बंदरों की तरह अंधे, बहरे और गूंगे बन जाओ!
नेकचलनी का साइनबोरà¥à¤¡
समठमें न आया कि नेकचलनी का कà¥à¤¯à¤¾ सà¥à¤¬à¥‚त हो सकता है, बदचलनी का अलबतà¥à¤¤à¤¾ हो सकता है। उदाहरण के लिये चालान,मà¥à¤šà¤²à¤•à¤¾, गिरफ़à¥à¤¤à¤¾à¤°à¥€-वारंट, सजा के आदेश की नक़à¥à¤² या थाने में दस-नमà¥à¤¬à¤°à¥€ बदमाशों की लिसà¥à¤Ÿà¥¤à¤ªà¤¾à¤‚च मिनट में आदमी बदचलनी तो कर सकता है नेकचलनी का सà¥à¤¬à¥‚त नहीं दे सकता।
चयनमॠ: कà¥à¤¯à¤¾ साहितà¥à¤¯ विफल है ?
साहितà¥à¤¯ कà¥à¤°à¤¾à¤‚ति नहीं करता; वह मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ के दिमाग़ बदलता और उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ कà¥à¤°à¤¾à¤‚ति की ज़रूरत के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ जागरूक बनाता है.
पास हà¥à¤† तो कà¥à¤¯à¤¾ हà¥à¤†
बेइजà¥à¤œà¤¤à¥€ के जितने पà¥à¤°à¤šà¥à¤° अवसर हमारे यहां हैं दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में कहीं और नहीं। नौकरी पेशा आदमी बेइजà¥à¤œà¤¤à¥€ को पà¥à¤°à¥‹à¥žà¥‡à¤¶à¤¨à¤² हेजरà¥à¤¡ समठकर सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° करता है।
फ़ेल होने के फायदे
फ़ेल होने पर सिरà¥à¤« à¤à¤• दिन आदमी की बेइजà¥à¤œà¤¤à¥€ खराब होती है इसके बाद चैन ही चैन।
मैं पापन ऎसी जली कोयला à¤à¤ˆ न राख
जीवन की नशà¥à¤µà¤°à¤¤à¤¾ की कहानी….
कौन कैसे टूटता है ?
à¤à¤• मारà¥à¤®à¤¿à¤• पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿