मैने सà¥à¤¨à¤¾ था कि कà¤à¥€ कà¤à¥€ लेखक दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ रचा गया कोई कालà¥à¤ªà¤¨à¤¿à¤• चरितà¥à¤° लेखक से à¤à¥€ आगे निकल जाता है और लेखक को पाठकों के हिसाब से फिर उस चरितà¥à¤° को ढालना पड़ता है. जैसे जब हैरी पॉटर की लेखिका ने अपनी किताब में हैरी पॉटर को मारने की बात की तो कई पाठकों ने… Continue reading परà¥à¤²à¥€ तà¥à¤®à¤¨à¥‡ मà¥à¤à¥‡ गà¥à¤¨à¤¹à¤—ार बना दिया
Category: कहानी
Fibctional Writings (कहानियां)
परà¥à¤²à¥€: आज शादी है.
आज परà¥à¤²à¥€ बहà¥à¤¤ खà¥à¤¶ थी.आज उसकी बारात जो आने वाली थी. उसकी सखियाठउसे तैयार करते करते बार बार उसे चिà¥à¤¾à¤¤à¥€ और परॠइस बात का बà¥à¤°à¤¾ à¤à¥€ नहीं मानती.सर में माà¤à¤—टीका, नाक में नथ, हाथों में पहà¥à¤‚ची और पिछोड़ा ओà¥à¥€ हà¥à¤ˆ परॠबहà¥à¤¤ सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° लग रही थी. बारात आने में अà¤à¥€ देर थी. परà¥à¤²à¥€… Continue reading परà¥à¤²à¥€: आज शादी है.
परà¥à¤²à¥€ : यह कैसी बीमारी?
“परॠतो जर से हणक रही है हो.” (परॠको तेज बà¥à¤–ार है). परà¥à¤²à¥€ की ईजा ने जजमानी के लिये निकलते हà¥à¤ जोसà¥à¤œà¥à¤¯à¥‚ से कहा. “ठीक है मैं गड़वा बॉजà¥à¤¯à¥‚ के वहां से बà¥à¤¯à¤¾à¤µ को (शाम को) मिकà¥à¤¸à¤šà¤° लेते आउंगा.” परà¥à¤²à¥€ सà¥à¤•à¥‚ल à¤à¥€ नहीं गयी. दिन à¤à¤° बà¥à¤–ार से तपती रही. उसकी ईजा ने ही… Continue reading परà¥à¤²à¥€ : यह कैसी बीमारी?
परà¥à¤²à¥€ : अà¤à¥€ नानतिन ही हà¥à¤ˆ हो
मलगाड़ से लौटते समय जोसजà¥à¤¯à¥‚ सोच रहे थे कि पांडे जà¥à¤¯à¥‚ का कहना à¤à¥€ सही ही ठहरा. परà¥à¤²à¥€ तो अà¤à¥€ नानतिन ही हà¥à¤ˆ. उसे अà¤à¥€ अकल जो कà¥à¤¯à¤¾ हà¥à¤ˆ अरे हम लोगो को ही उतनी अकल जो कà¥à¤¯à¤¾ ठहरी. पांडे जà¥à¤¯à¥‚ की रिशà¥à¤¤à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ तो लखनऊ, दिलà¥à¤²à¥€ सà¤à¥€ जगह ठहरी. वह बराबर दिलà¥à¤²à¥€, लखनऊ जाते रहने… Continue reading परà¥à¤²à¥€ : अà¤à¥€ नानतिन ही हà¥à¤ˆ हो
परà¥à¤²à¥€:बà¥à¤¯à¤¾ टालने की उहापोह
जोसà¥à¤œà¥à¤¯à¥‚ तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥€ तो मति मारी गयी है.इतना अचà¥à¤›à¤¾ घर कहाठमिलेगा परà¥à¤²à¥€ को. चिंनà¥à¤¹ à¤à¥€ कैसा बढिय़ा सामà¥à¤¯ हà¥à¤† ठहरा. शादी बà¥à¤¯à¤¾ तो अंजल (संजोग) की बात होने वाली हà¥à¤ˆ. पहले तो डॉकà¥à¤Ÿà¤° बनना ही कितना मà¥à¤¶à¥à¤•à¤¿à¤² हà¥à¤† फिर परà¥à¤²à¥€ को डॉकà¥à¤Ÿà¤° बना à¤à¥€ लिया तो कौन सा उसको जनम à¤à¤° अपने घर में रख लोगे. बà¥à¤¯à¤¾ तो तब à¤à¥€ करना ही पड़ेगा ना.
परà¥à¤²à¥€ : बà¥à¤¯à¤¾ कैसे टलेगा
ईजा ने अपने सर के ऊपर से हरी घास का गटà¥à¤ ा à¤à¥€à¤£à¥‡ (चबूतरा) में रखा तो उसकी आवाज से परà¥à¤²à¥€ और उसके बाबू दोनों की सोच टूटी. शाम अब पहाड़ों से उतरकर पेड़ों के रासà¥à¤¤à¥‡ होते हà¥à¤ आंगन में आ चà¥à¤•à¥€. परà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ अनà¥à¤§à¥‡à¤°à¤¾ हो चà¥à¤•à¤¾ था. गोठमें गोरà¥-बाछ à¤à¥€ à¤à¥‚ख के मारे अड़ाट कर रहे थे. उनको à¤à¥€ अà¤à¥€ तक घास नहीं डाली थी. ईजा के आते ही परà¥à¤²à¥€ हाथ के à¤à¥‚ठे गिलास को लेकर उठी.
परà¥à¤²à¥€: हिमà¥à¤®à¤¤ ना हार ..
आज पहली बार उसे गोलà¥à¤œà¥à¤¯à¥‚ का धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ आया. उसने सà¥à¤¨à¤¾ था गोलà¥à¤œà¥à¤¯à¥‚ से कà¥à¤› à¤à¥€ मांगो वह मिल जाता है. उसने सवा रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ का उचैण (करार) अलग रखा और मन ही मन गोलà¥à¤œà¥à¤¯à¥‚ से कहा कि गोलà¥à¤œà¥à¤¯à¥‚ मà¥à¤à¥‡ डॉकà¥à¤Ÿà¤° बना देना.आपके थान आके à¤à¤• घंटी जरूर चà¥à¤¾à¤‰à¤‚गी.
परà¥à¤²à¥€:आखिर कà¥à¤¯à¤¾ होगा ?
दूर पहाड़ों को देखते देखते ही तो उसने कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ की थी कि इनà¥à¤¹à¥€ पहाड़ों के उस पार होगा कोई à¤à¤• शहर. जहाठयह लाइट टिम टिम करती हैं. उसके घर में तो लमà¥à¤«à¥‚ (मिटà¥à¤Ÿà¥€ तेल का लैमà¥à¤ª) का उजाला होता है या छिलà¥à¤•à¥‡ का. वह सोचती थी कि कà¤à¥€ वह उस पार जायेगी. à¤à¤• बड़े शहर में कदम रखेगी.बिजली के लैप देखेगी. न जाने कितनी कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾à¤Žà¤‚.
परूली : शादी की तैयारी
पहली बार उसे अपनी लड़की होने का अहसास हà¥à¤†. à¤à¤• लड़की किस हद तक मजबूर हो सकती है इस बात से मन ही मन उसे खà¥à¤¦ से घृणा होने लगी.
परà¥à¤²à¥€: चिनà¥à¤¹ सामà¥à¤¯ होगा कà¥à¤¯à¤¾ ??
अरे पॠलिख के कà¥à¤¯à¤¾ बैरिसà¥à¤Ÿà¤° बनेगी. बà¥à¤¯à¤¾ तो तब à¤à¥€ होगा ना और फिर तो वही à¤à¤¨à¤ªà¤¾à¤¨, गोरà¥-बाछों का मोव निकलना, गà¥à¤ªà¤Ÿà¤¾à¤²à¥‡ पाथना, पानी सारना और घरपन के सारे काम, इन सब में तेरी पà¥à¤¾à¤ˆ कà¥à¤¯à¤¾ काम आयेगी रे परà¥à¤²à¥€..और अचà¥à¤›à¥‡ रिशà¥à¤¤à¥‹ के लिये मना नहीं करना चाहिये