1. रेबीज के नये इंजेकà¥à¤¶à¤¨ की कसम, किसी कà¥à¤¤à¥à¤¤à¥‡ में कहां है वह दम, जो à¤à¥‹à¤‚कता à¤à¥€ हो, चाटता à¤à¥€ हो,गरियाता à¤à¥€ हो, काटता à¤à¥€ हो,हम तो à¤à¤¸à¥‡ ही थे, औरà¤à¤¸à¥‡ ही रहेंगे सनम. 2. तेरे बिना जिनà¥à¤¦à¤—ी का नूर चला जायेगा,बिन काटे किसी को कà¥à¤¯à¤¾ मजा आयेगा,गाली खाने से नहीं डरते हैं हम,मेरे दोसà¥à¤¤à¤–ायी… Continue reading कविता की किलकारी
Category: कविता
poems (कवितायें)
कवि का कलपना
केडीके महोदय बालकिशन जी की इस पोसà¥à¤Ÿ पर अपना कà¥à¤¦à¤°à¤¤à¥€ कवितायी हà¥à¤¨à¤° दिखाना चाहते थे लेकिन सफल नहीं हà¥à¤ तो हमको बोले कि इस “कवि की कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾” को किसी तरह ठेल दो. हमको à¤à¤²à¤¾ कà¥à¤¯à¤¾ तकलीफ.हम ठेल रहे हैं. गाली.पà¥à¤°à¤¸à¤‚शा सब केडीके साहब की. बालकिशन जी आप किस शोध के चकà¥à¤•à¤° में पॠगये. हमें… Continue reading कवि का कलपना
कà¤à¥€ सà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥€ टूट,सà¥à¤°à¤¾ ही रह जायेगी,कर विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ !!
मैने उमर के रà¥à¤¬à¤¾à¤‡à¤¯à¥‹à¤‚ के बहà¥à¤¤à¥‡à¤°à¥‡ अनà¥à¤µà¤¾à¤¦ पà¥à¥‡..हिनà¥à¤¦à¥€ में à¤à¥€ अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ में à¤à¥€. हिनà¥à¤¦à¥€ में मà¥à¤à¥‡ ‘मधà¥à¤¶à¤¾à¤²à¤¾’ (जो कि अनà¥à¤µà¤¾à¤¦ नहीं है पर इसकी चरà¥à¤šà¤¾ बाद में) और ‘मधà¥à¤œà¥à¤µà¤¾à¤²‘ ने बहà¥à¤¤ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ किया.हाà¤à¤²à¤¾à¤•à¤¿ रघà¥à¤µà¤‚श गà¥à¤ªà¥à¤¤ जी का अनà¥à¤µà¤¾à¤¦ à¤à¥€ काफी अचà¥à¤›à¤¾ है….पर ‘मधà¥à¤œà¥à¤µà¤¾à¤²’ मà¥à¤à¥‡ उसके नये पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ और छंद के नये नये पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤—ो की वजह… Continue reading कà¤à¥€ सà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥€ टूट,सà¥à¤°à¤¾ ही रह जायेगी,कर विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ !!
मधà¥à¤œà¥à¤µà¤¾à¤²:मैं मधà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¿à¤§à¤¿ का मà¥à¤—à¥à¤§ मीन
उमर खैयाम की रà¥à¤¬à¤¾à¤‡à¤¯à¥‹à¤‚ का अनà¥à¤µà¤¾à¤¦ सà¥à¤®à¤¿à¤¤à¥à¤°à¤¾à¤¨à¤‚दन पंत ने 1929 में उरà¥à¤¦à¥ के पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ शायर असगर साहब गोडवी की सहायता और इंडियन पà¥à¤°à¥‡à¤¸ के आगà¥à¤°à¤¹ पर किया था. यह अनà¥à¤µà¤¾à¤¦ “मधà¥à¤œà¥à¤µà¤¾à¤²” नाम से 1948 में पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ हà¥à¤† था. अनà¥à¤¯ हिनà¥à¤¦à¥€ अनà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤•à¥‹à¤‚ की तरह उनका यह अनà¥à¤µà¤¾à¤¦ फिटà¥à¤œà¤°à¤¾à¤²à¥à¤¡ की की पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• पर आधारित नहीं था बलà¥à¤•à¤¿… Continue reading मधà¥à¤œà¥à¤µà¤¾à¤²:मैं मधà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¿à¤§à¤¿ का मà¥à¤—à¥à¤§ मीन
नगई महरा: अंतिम à¤à¤¾à¤—
समीर जी का उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹ बà¥à¤¾à¤¨à¥‡ में कोई सानी नहीं. कल की पोसà¥à¤Ÿ पर उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ à¤à¤• अचà¥à¤›à¥€ सी टिपà¥à¤ªà¤£à¥€ की जिससे फिर से ऊरà¥à¤œà¤¾ मिली कि बांकी à¤à¤¾à¤— को à¤à¥€ टाइप कर आप तक पहà¥à¤‚चाऊं. थक गये हैं, थोड़ा विशà¥à¤°à¤¾à¤® पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करें मितà¥à¤°. कारà¥à¤¯ इतना उतà¥à¤¤à¤® हैं कि यह कह पाना संà¤à¤µ नहीं कि थक गये… Continue reading नगई महरा: अंतिम à¤à¤¾à¤—
नगई महरा- 2 : तà¥à¤°à¤¿à¤²à¥‹à¤šà¤¨
कल नगई महरा का पहला à¤à¤¾à¤— पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया था. आज पेश है उसी का दूसरा à¤à¤¾à¤—.कृपया पूरी कविता पà¥à¥‡à¤‚ आप निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ ही कविता के मरà¥à¤® में उतर पायेंगे.य़ह à¤à¤• कविता है जिसके अनà¥à¤¦à¤° समाज की à¤à¤• कहानी à¤à¥€ साथ साथ चल रही है और दिख रहा है समूचा गाà¤à¤µ.आइये आननà¥à¤¦ लें. तब मेरी उमर जैसी… Continue reading नगई महरा- 2 : तà¥à¤°à¤¿à¤²à¥‹à¤šà¤¨
नगई महरा: तà¥à¤°à¤¿à¤²à¥‹à¤šà¤¨
‘नगई महरा’ तà¥à¤°à¤¿à¤²à¥‹à¤šà¤¨ की à¤à¤• सशकà¥à¤¤ रचना है.पहलू में तà¥à¤°à¤¿à¤²à¥‹à¤šà¤¨ की कविताओं में à¤à¥€ इस कविता का जिकà¥à¤° हà¥à¤† था. यह à¤à¤• लंबी कविता है जिसे दो à¤à¤¾à¤—ों में पेश कर रहा हूà¤. इस कविता में गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£ जीवन अपने पूरे यौवन के साथ उतर गया है. गांव के आम शबà¥à¤¦ इस कविता में इतने सहज… Continue reading नगई महरा: तà¥à¤°à¤¿à¤²à¥‹à¤šà¤¨
सà¤à¥€ संगीतपà¥à¤°à¥‡à¤®à¥€ चिटà¥à¤ ाकारों से निवेदन
हिनà¥à¤¦à¥€ के कई चिटà¥à¤ ाकार अब तकनीकी रूप से कà¥à¤¶à¤² हो गये हैं. अपने चिटà¥à¤ ों में तरह तरह के विजेट और चितà¥à¤° लगाने लगे हैं. यह à¤à¤• सà¥à¤–द परिवरà¥à¤¤à¤¨ है. इधर कà¥à¤› चिटà¥à¤ ाकारों ने अपने चिटà¥à¤ ों में मधà¥à¤° संगीत पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करने वाला कोई विजेट à¤à¥€ लगाया है. जो चिटà¥à¤ ा खà¥à¤²à¤¤à¥‡ ही मधà¥à¤° संगीत से आपका सà¥à¤µà¤¾à¤—त… Continue reading सà¤à¥€ संगीतपà¥à¤°à¥‡à¤®à¥€ चिटà¥à¤ ाकारों से निवेदन
बिसà¥à¤¤à¤°à¤¾ है न चारपाई है:तà¥à¤°à¤¿à¤²à¥‹à¤šà¤¨
बिसà¥à¤¤à¤°à¤¾ है न चारपाई है,जिनà¥à¤¦à¤—ी खूब हमने पायी है। कल अंधेरे में जिसने सर काटा,नाम मत लो हमारा à¤à¤¾à¤ˆ है। ठोकरें दर-ब-दर की थी हम थे,कम नहीं हमने मà¥à¤à¤¹ की खाई है। कब तलक तीर वे नहीं छूते,अब इसी बात पर लड़ाई है। आदमी जी रहा है मरने कोसबसे ऊपर यही सचाई है। कचà¥à¤šà¥‡ ही… Continue reading बिसà¥à¤¤à¤°à¤¾ है न चारपाई है:तà¥à¤°à¤¿à¤²à¥‹à¤šà¤¨
चमà¥à¤ªà¤¾ काले काले अचà¥à¤›à¤° नहीं चीनà¥à¤¹à¤¤à¥€:तà¥à¤°à¤¿à¤²à¥‹à¤šà¤¨
कवि तà¥à¤°à¤¿à¤²à¥‹à¤šà¤¨ बीमार हैं. उनके बारे में बà¥à¤²à¥‰à¤— जगत में लिखा à¤à¥€ जा रहा हैं. कà¥à¤› दिनों पहले मैने à¤à¤• पोसà¥à¤Ÿ लिखी थी जिसमें तà¥à¤°à¤¿à¤²à¥‹à¤šà¤¨ की कà¥à¤› कविताऎं पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ की थी. कल अतà¥à¤² ने उसी पोसà¥à¤Ÿ पर टिपà¥à¤ªà¤£à¥€ कर तà¥à¤°à¤¿à¤²à¥‹à¤šà¤¨ के बारे में फणीशà¥à¤µà¤° नाथ रेणॠके संसà¥à¤®à¤°à¤£ के बारे में बताया.उसे पà¥à¤¾ और फिर… Continue reading चमà¥à¤ªà¤¾ काले काले अचà¥à¤›à¤° नहीं चीनà¥à¤¹à¤¤à¥€:तà¥à¤°à¤¿à¤²à¥‹à¤šà¤¨