कà¤à¥€ अपने बà¥à¤œà¥à¤°à¥à¤— या बॉस या अपने से अधिक बदमाश आदमी को सही रासà¥à¤¤à¤¾ बताने की कोशिश न करना। उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ ग़लत राह पर देखो तो तीन जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¥€ बंदरों की तरह अंधे, बहरे और गूंगे बन जाओ!
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नेकचलनी का साइनबोरà¥à¤¡
समठमें न आया कि नेकचलनी का कà¥à¤¯à¤¾ सà¥à¤¬à¥‚त हो सकता है, बदचलनी का अलबतà¥à¤¤à¤¾ हो सकता है। उदाहरण के लिये चालान,मà¥à¤šà¤²à¤•à¤¾, गिरफ़à¥à¤¤à¤¾à¤°à¥€-वारंट, सजा के आदेश की नक़à¥à¤² या थाने में दस-नमà¥à¤¬à¤°à¥€ बदमाशों की लिसà¥à¤Ÿà¥¤à¤ªà¤¾à¤‚च मिनट में आदमी बदचलनी तो कर सकता है नेकचलनी का सà¥à¤¬à¥‚त नहीं दे सकता।
चयनमॠ: कà¥à¤¯à¤¾ साहितà¥à¤¯ विफल है ?
साहितà¥à¤¯ कà¥à¤°à¤¾à¤‚ति नहीं करता; वह मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ के दिमाग़ बदलता और उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ कà¥à¤°à¤¾à¤‚ति की ज़रूरत के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ जागरूक बनाता है.
पास हà¥à¤† तो कà¥à¤¯à¤¾ हà¥à¤†
बेइजà¥à¤œà¤¤à¥€ के जितने पà¥à¤°à¤šà¥à¤° अवसर हमारे यहां हैं दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में कहीं और नहीं। नौकरी पेशा आदमी बेइजà¥à¤œà¤¤à¥€ को पà¥à¤°à¥‹à¥žà¥‡à¤¶à¤¨à¤² हेजरà¥à¤¡ समठकर सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° करता है।
फ़ेल होने के फायदे
फ़ेल होने पर सिरà¥à¤« à¤à¤• दिन आदमी की बेइजà¥à¤œà¤¤à¥€ खराब होती है इसके बाद चैन ही चैन।
बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤œà¥€à¤µà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के देश में…..
à¤à¤¾à¤°à¤¤ विकट बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤œà¥€à¤µà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का देश है. à¤à¤• को ढूंढो हजार मिलते हैं. कमी नहीं ग़ालिब.
मैं पापन ऎसी जली कोयला à¤à¤ˆ न राख
जीवन की नशà¥à¤µà¤°à¤¤à¤¾ की कहानी….
कौन कैसे टूटता है ?
à¤à¤• मारà¥à¤®à¤¿à¤• पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿
मैं कहीं कवि ना बन जाऊं….
आप कहीं यह अनà¥à¤®à¤¾à¤¨ ना लगा लें कि मैं किसी कविता नामक सà¥à¤•à¤¨à¥à¤¯à¤¾ के पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤ªà¤¾à¤¶ में बंधकर कवि बनना चाहता हूठइसलिये मैं यह घोषणा करना चाहता हूठकि मà¥à¤ बाल बचà¥à¤šà¥‡à¤¦à¤¾à¤° को किसी से पà¥à¤¯à¤¾à¤° वà¥à¤¯à¤¾à¤° नहीं है (अपनी पतà¥à¤¨à¥€ से à¤à¥€ नहीं 🙂 ) बलà¥à¤•à¤¿ मैं तो लिखी जाने वाली कविता से पà¥à¤°à¥‡à¤®… Continue reading मैं कहीं कवि ना बन जाऊं….
उमर की मधà¥à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ के निहितारà¥à¤¥
अब तक तो आप समठही चà¥à¤•à¥‡ होंगे कि उमर खैयà¥à¤¯à¤¾à¤® की रà¥à¤¬à¤¾à¤‡à¤¯à¥‹à¤‚ में कितनी वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤•à¤¤à¤¾ है. जब मैं उमर खैयà¥à¤¯à¤¾à¤® की रà¥à¤¬à¤¾à¤‡à¤¯à¥‹à¤‚ और उनके उन अनà¥à¤µà¤¾à¤¦à¥‹à¤‚ के बारे में सोचता हूठजो à¤à¤¾à¤°à¤¤ में हà¥à¤ तो उनमें à¤à¤• सामà¥à¤¯ जैसा लगता है. पहले उमर खैयà¥à¤¯à¤¾à¤® की मूल रचना की बात करें. उमर खैयाम ने… Continue reading उमर की मधà¥à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ के निहितारà¥à¤¥