यदि इस पोसà¥à¤Ÿ का टाइटल पà¥à¤•à¤° आपको फिलà¥à¤® शोले की याद आ जाये तो इसमें मेरा कोई कसूर नहीं है, लेकिन मैं ना तो आज आपको फिलà¥à¤® शोले का गाना सà¥à¤¨à¤¾ रहा और ना ही अपनी महबूबा के बारे में बता ‘सच का सामना‘ कर अपने à¤à¤• अदद पतà¥à¤¨à¥€ को परेशान ही कर रहा हूà¤à¥¤ मैं तो उस महबूबा की बात कर रहा हूठजिसने अपने à¤à¤• कदम से à¤à¤• ओर यह बतलाया कि लोकतंतà¥à¤° की जड़ें कैसे मजबूत की जा सकती हैं और दूसरी ओर नारी की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ को लेकर निंदित चिंतित लोगों को शà¥à¤•à¥à¤¨ की सांस लेने का मौका दिया। मैं बात कर रहा हूठकशà¥à¤®à¥€à¤° में विपकà¥à¤· की नेता महबूबा मà¥à¤«à¥à¤¤à¥€ सईद की, जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने विधानसà¤à¤¾ में सà¥à¤ªà¥€à¤•à¤° के ऊपर माइक फैंक कर यह बता दिया कि वीरांगनाà¤à¤‚ घर में पति पर ही बेलन नहीं चला सकती वरन अपने इस कौशल का पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ विधानसà¤à¤¾ में à¤à¥€ कर सकती हैं।
अपने इस वीरता à¤à¤°à¥‡ कृतà¥à¤¯ से उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने ना जाने कितनी चीजें सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ कर दीं। मैं उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ तहे दिल से धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ देना चाहता हूठकि उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने à¤à¤¸à¤¾ किया, वरना नेता लोग तो सिरà¥à¤« बोलते ही हैं करते कà¥à¤› नहीं हैं। अब मेरा विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ इस देश पर, इस देश के लोकतंतà¥à¤° पर, इस देश की महिलाओं पर मजबूत हà¥à¤† है। जो लोग बोलते थे कि कशà¥à¤®à¥€à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤ का अà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ अंग है उनकी इस बात को लोग अब गंà¤à¥€à¤°à¤¤à¤¾ से लेने लगे हैं।
à¤à¤• चीज जो सà¥à¤ªà¥à¤·à¥à¤Ÿ हो गयी कि जमà¥à¤®à¥‚-कशà¥à¤®à¥€à¤° में à¤à¥€ अब लोकतंतà¥à¤° आ गया है। हमेशा से हम सà¥à¤¨à¤¾ करते थे कि हमें जमà¥à¤®à¥‚-कशà¥à¤®à¥€à¤° में लोकतंतà¥à¤° की जड़ें मजबूत करनी है। यह और बात है कि इस देश में जहां जहां लोकतंतà¥à¤° की जड़ें मजबूत हà¥à¤ˆ हैं वहाठरà¥à¤ªà¤¯à¥‡ पैसों के पेड़ à¤à¥€ लहलहाये हैं जो नेताओं को पà¥à¤·à¥à¤ª-फल देते रहे हैं। आम जनता उन जड़ों को इस उमà¥à¤®à¥€à¤¦ में खाद-पानी देती है कि जब नेताओं से सात पीà¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का इनà¥à¤¤à¤œà¤¾à¤® हो जायेगा तो जनता को à¤à¥€ फल चखने को मिल सकते हैं। तो अब यह साबित हो गया है कि जमà¥à¤®à¥‚-कशà¥à¤®à¥€à¤° में लोकतंतà¥à¤° आ गया है। वरना हम तो यही लोकतंतà¥à¤° के चैमà¥à¤ªà¤¿à¤¯à¤¨ के नाम पर तमिलनाडू, महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤° या यू.पी. को रखते जहां जूते-चपà¥à¤ªà¤² से लेकर माइक फैक कर लोकतंतà¥à¤° के मजबूत होने का पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£ दिया जाता रहा है।
दूसरी ओर जब तमिलनाडू में इस तरह की घटना हà¥à¤ˆ थी तो महामहिम (उनके वजन के हिसाब से लिखना पड़ रहा है) जयललिता के साथ अà¤à¤¦à¥à¤°à¤¤à¤¾ की गयी थी और उनकी ओर जूते-चपà¥à¤ªà¤², माइक फैंके गये थे। मैं तब से हैरान था कि माइक फैकने के वीर करà¥à¤® में कोई महिला कैसे पीछे रह सकती है, और वो à¤à¥€ किसी पà¥à¤°à¥à¤· पर। महिला की इस जनà¥à¤®à¤œà¤¾à¤¤ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾ का पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ केवल घर तक ही सीमित रह जाय यह तो रीतिकालीन बात हà¥à¤ˆà¥¤ आज जब महिलायें हर मामले में पà¥à¤°à¥à¤· के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं….। वैसे जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने यह मà¥à¤¹à¤¾à¤µà¤°à¤¾ गà¥à¤¾ होगा मà¥à¤à¥‡ उनके मांनव-जà¥à¤žà¤¾à¤¨ पर हमेशा से ही शक रहा है। महिला और पà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ की ऊंचाई में हमेशा से ही अंतर रहा है, à¤à¤• आध अपवाद छोड़ दें तो महिलाओं की ऊंचाई हमेशा ही कम रही है, तो फिर कंधे से कंधा मिला कर कैसे चला जा सकता है। होना चाहिये था महिलायें हर मामले में पà¥à¤°à¥à¤· के साथ कंधे से सर मिलाकर चल रही हैं…खैर…जाने दीजिये…. तो महिला महबूबा ने पà¥à¤°à¥à¤· सà¥à¤ªà¥€à¤•à¤° पर माइक फैक कर यह जता दिया कि अब महिलायें केवल घर की चहारदीवारी तक ही सीमित नहीं रही हैं। वह अब बाहर निकल रही हैं। मà¥à¤à¥‡ लगता है कि मà¥à¤²à¤¾à¤¯à¤® सिंह यादव, शरद यादव और लालू यादव जैसे लोगों को इस बात का खूब अनà¥à¤à¤µ रहा होगा। इसीलिये वह राजनीति में महिलाओं के 33% आरकà¥à¤·à¤£ का विरोध करते रहते हैं। शरद यादव ने तो आतà¥à¤®à¤¹à¤¤à¥à¤¯à¤¾ करने तक की धमकी दे दी थी। घर के अंदर बेलन à¤à¥‡à¤²à¤¨à¤¾ और सारà¥à¤µà¤œà¤¨à¤¿à¤• रूप से माइक à¤à¥‡à¤²à¤¨à¥‡ में अंतर होता है। शरद-यादव à¤à¤¸à¥€ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ आने से पहले ही दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ से कूच करना चाहते हैं तो कà¥à¤¯à¤¾ गलत चाहते हैं।
तीसरी चीज जो लोग जमà¥à¤®à¥‚-कशà¥à¤®à¥€à¤° का तालिबानीकरण करना चाहते हैं। महिलाओं को केवल बà¥à¤°à¥à¤•à¥‡ पहना घर के अंदर बैठा देना चाहते हैं, यह माइक उनके लिये à¤à¥€ à¤à¤• करारा तमाचा है। हम खà¥à¤¶ है कि à¤à¤¸à¥€ सोच वाले लोगों को महबूबा ने सही सबक सिखाया है।
तो कà¥à¤¯à¤¾ हमें महबूबा को धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ नहीं देना चाहिये। मैंने तो जब से यह समाचार सà¥à¤¨à¤¾ है तब से ही गा रहा हूअमहबूबा..महबूबा…और अब तो उमर अबà¥à¤¦à¥à¤²à¥à¤²à¤¾ à¤à¥€ निकल लिये। तो उन पर चरà¥à¤šà¤¾ कल करेंगे। आज इतना ही…
वाह! वाह!महबूबा महबूबा. गà¥à¤²à¤¶à¤¨ में माइक चलते हैं, जब विधानसà¤à¤¾ में मिलते हैं…
आये और खूब आये. महबूबा के साथ आये….:-)
लगे रहिà¤, पढने वाले à¤à¥€ पीछे पीछे आà¤à¤‚गे।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
मैं सोचता था फिलà¥à¤® के बारे में जानकारी संवरà¥à¤§à¤¨ होगा। आजकल सà¥à¤¨à¤¾ है कोई सà¥à¤µà¤¯à¤‚वर चल रहा है आरà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¥à¤¤ में। उसपर à¤à¥€ टारà¥à¤š डालें मितà¥à¤°à¤µà¤°!
बहà¥à¤¤ खूब …।:) ये जà¥à¤žà¤¾à¤¨ जी अà¤à¥€ à¤à¥€ सà¥à¤µà¤¯à¤¬à¤° में दिलचसà¥à¤ªà¥€ ले रहे हैं? कà¥à¤¯à¤¾ बात है?
बहà¥à¤¤ बहà¥à¤¤ लाजवाब कटाकà¥à¤·…
बहà¥à¤¤ सही नस पकडी आपने….घर में बेलन खाना और बात है,पर सारà¥à¤µà¤œà¤¾à¤¨à¤¿à¤• सà¥à¤¥à¤² पर….और वो à¤à¥€ जहाठकैमरे लगे हों…..यादव à¤à¤¾à¤‡à¤¯à¥‹à¤‚ का बà¥à¤°à¤¾ मानना और अड़ना सà¥à¤µà¤¾à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤• है à¤à¤¾à¤ˆ….
जà¥à¤žà¤¾à¤¨ à¤à¥ˆà¤¯à¤¾ की मांग के साथ हम à¤à¥€ हैं…धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ रखियेगा…
आपके बà¥à¤²à¥‰à¤— पर कतरने तो पॠही रहा हूठलेकिन फिलहाल शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ का सफर पर आपके योगदान को रेखांकित करते हà¥à¤ लेख मे आपका नाम पढकर यहाठपहà¥à¤‚चा हूठ। आपको बधाई à¤à¤µà¤‚ शà¥à¤à¤•à¤¾à¤®à¤¨à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ -शरद कोकास ,दà¥à¤°à¥à¤—, छ.ग..
महिलाà¤à¤ किसी बात में कम हैं कà¥à¤¯à¤¾?
सà¥à¤®à¤¾à¤‡à¤²à¥€ लगाना ठीक रहेगा कà¥à¤¯à¤¾? ये वाला 🙂
kahan hain kakesh ji ?
Bahut hee dinon ke bad idhar aana hua aur aapke Mehbooba se mulakat ho gaee. Shukr hai mike Widhan sabha men he feken gaye Marne wale aur khane wale dono kee chamdee motee hai.
अरे, कब चà¥à¤ªà¤•à¥‡ से यह पोसà¥à¤Ÿ कर गà¤? कहाठहैं?
घà¥à¤˜à¥‚ती बासूती
इतने दिनों बाद आपकी कलम चलती देख सà¥à¤– मिला,किनà¥à¤¤à¥ लेखन अà¤à¥€ नियमित नहीं है. इसलिठ‘परà¥à¤²à¥€’ जैसी रचना के लिठन जाने कितनी पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤•à¥à¤·à¤¾ करनी पड़े.
@ ज़ाकिर à¤à¤¾à¤ˆ, आपने चिटà¥à¤ ेकारी शà¥à¤°à¥ की उसके पहले से काकेश का à¤à¤• पाठक-वरà¥à¤— बन चà¥à¤•à¤¾ था।
हिनà¥à¤¦à¥€ चिटà¥à¤ ों की पठनीयता बचाये रखने में काकेश का फिर लिखना शà¥à¤°à¥ करना à¤à¤• जरूरी कदम माना जाà¤à¤—ा।
सपà¥à¤°à¥‡à¤® शà¥à¤ कामना
बहà¥à¤¤ बढ़िया लगा जी, और शिव कà¥à¤®à¤¾à¤° मिशà¥à¤° जी की टीप ने चार चांद लगा दिये।
सर जी, बहà¥à¤¤ समय बाद आये हैं आप, ’खोया पानी’ जैसा कोई पà¥à¤°à¥‹à¤œà¥ˆà¤•à¥à¤Ÿ और नहीं परवान चढ़ रहा कà¥à¤¯à¤¾?
isee vishay par maine bhi vyangy likha tha, lekin poora nahi kar paee….aaj aapke blog par aana hua to laga achchha hee hua varna itna badhiya vynag nahi padh patee….
मैं तो कनà¥à¤«à¥à¤¯à¥‚ज हू लेखक अपने घर की बात बता रहे हैं या जमà¥à¤¬à¥‚ कशà¥à¤®à¥€à¤° विधान सà¤à¤¾ की, और महबूबा की बात कह रहे हैं या महबूब की, जरा सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ कीजिये
janab ab tho jute chappal or pata nahi kya kya chalne lage hai… 🙂
wah wah