ब्लॉगवाणी का मर्जर, ब्लॉगरों के मजे

कल शाम को ऑफिस से निकलने ही वाला था कि मेरी पोस्ट पर कमेंट आया.

गूगल इंडिया के बंगलोर ऑफिस से जारी की गयी न्यूज़ के अनुसार ब्लागवाणी अब गूगल.ब्लागवाणी .कॉम हो गयी हैं ।

पहले तो कुछ समझ में नहीं आया कि यह क्या है.लेकिन फिर केवल सच का पीछा करते हुए यहां पहुंचे तो पूरी खबर के बारे में पता चला.सिरिल को फोन मिलाया तो फोन काफी देर तक बिजी मिला. सोचा अब मैथिली जी और सिरिल तो बड़े लोग हो गये हम जैसे चिरकुट के लिये उनके पास कहाँ समय है. फिर अरुण अरोरा पंगेबाज को फोन मिलाया तो उन्होने खबर की पुष्टि की. यह पुष्टि उन्होने फोन पर की थी. चैट पर की होती तो बिना उनसे पूछे पोस्ट में चिपका देते और वह फिर कितना भी सर फोड़ते तब भी नहीं हटाते. एस.एम.एस. भी किया होता तब भी ऐसे ही चिपकाना था. लेकिन फोन की बात को कैसे पोस्ट मे चिपकाते इसलिये हमने उनसे विनती की (इससे पहले तक निवेदन करते थे लेकिन अब पंगेबाज का रुतबा भी बढ़ चुका है जी) कि भाईसाहब हमारी पोस्ट पर आकर एक टिप्पणी के माध्यम से इसकी पुष्टि कर दो.

उन्होने हमारी विनती सुन ली. आजकल भगवान तो किसी को सुनते नहीं है लेकिन उन्होने सुन ली. सुबह उठकर ब्लॉग देखा तो उनकी टिप्पणी थी.

हम ब्लॉगवाणी के प्रवक्ता के नाते ऊपर वाली खबर की पुष्टि करते हैं और यह विश्वास दिलाते हैं कि गूगल ब्लॉगवाणी से जुड़े हर ब्लॉगर को एक एक लाख रुपया दिया जायेगा.काकेश जी के ब्लॉग के जरिये सभी को इस डील के बारे में पता चला इसलिये उन्हे भी सात % धन दिया जायेगा. वह चाहें तो नयी कंपनी में भी कोई उच्च पद संभाल सकते हैं.

अब अन्धा क्या चाहे दो आंख हम तो सिर्फ काने ही हैं एक से ही काम चलेगा जी. तो हम तो इस चीज की प्रतीक्षा में हैं कि हमें कौन सा उच्च पद प्रदान किया जायेगा. सुबह अरुण जी से फिर बातें हुई तो उन्होने बताया कि ब्लॉगवाणी से जुड़े सारे ब्लॉगर्स को दो दिन,दो रात का गोवा भ्रमण मुफ्त में कराया जायेगा.

यह तो हम सब के लिये बड़े काम की खबर. करना सिर्फ यह है कि जाने के इच्छुक सभी ब्लॉगर्स को इस पोस्ट पर टिप्पणी करनी है. उनके नाम का टिकट बना दिया जायेगा. दिनांक एक अप्रेल 2008 को सुबह नौ बजे की गो-एयर की फ्लाइट से हम सभी गोवा के लिये रवाना होंगे. रास्ते में सभी को भांग की ठंडाई भी सर्व की जायेगी. उम्मीद है कि सिरिल जी (अब तो जी कहना ही पड़ेगा ना) अपने मर्जर अनुभवों से हम सभी को परिचित करवाऐंगे.

इस बढिया काम के लिये ब्लॉगवाणी को बधाई. इच्छुक ब्लॉगर भांग पीने और होली खेलने से पहले अपनी टिप्पणी कर जायें. ताकि हम भांग का नशा उतरने के बाद आपके टिकट बनवा सकें.

ब्लॉगवाणी की ओर से यह अपील मैं उच्च पद प्राप्त करने के नाते आप सभी से कर रहा हूँ.

 

आपके सहयोग का आकांक्षी

काकेश

उच्च पद (गूगल-ब्लॉगवाणी)  

By काकेश

मैं एक परिन्दा....उड़ना चाहता हूँ....नापना चाहता हूँ आकाश...

20 comments

  1. breaking news ko ticket kae saath complimentary “khana aur peena” maithli aur cyril nae uplabdh karaa diya haen . media walo ko khush rekhna hota haen .

  2. अच्छा इसीलिये कुछ दिन पहले मैथिलीजी को फोन किया तो वे गोवा में थे। लगता है ब्लागरों के लिये तंबू तनवाने गये थे। उच्च पद आपको भी मुबारक हो।

  3. मैथिली जी और सिरिलजी को बधाई.. आपको भी उच्च पद प्राप्त करने के लिये।
    कोई और पद खाली हो तो (उच्च नहीं नीच्च भी चलेगा) मैं अपनी सेवायें देने के लिये तैयार हूँ।
    मैने अपनी टिप्पणी कर दी है कृपया जल्दी से मेरा टिकिट भेजें।

  4. ये अनूपदा क्या कह रहे हैं.. तंबू!!
    मैं तंबू में नहीं रहूंगा यह तो मेरी नहीं हिन्दी ब्लॉग बिरादरी की तौहीन है। हमें5तारक होटेल में कमरा चाहिये, वरना हम …

  5. यह क्या चक्कर है भाई ………कहीं इसलिए तो ब्लॉगवानी ने अपने नये ब्लॉग्स जोड़ने बंद कर दिए …… मुझे भी केवल इसी बात का अफ़सोस है की यार मैने ब्लॉग कुछ जल्दी शुरू किया होता तो……

  6. मुबारकां जी मुबारकां!!
    पन “गोवा” ही क्यों प्रभु!! झुमरीतलैया ज्यादा सेफ़ है उससे तो 😉

  7. काकेश जी (उच्च पद वाले)…
    सर हमरे लिए भी कोई पद देखियेगा. हम यहीं से गोवा चले जाएँ, या फिर दिल्ली होकर जाना पड़ेगा?

  8. बधाई जी! आपको कोई पद-वद मिल गया है।
    ये गोवा कौन गांव है जी। परुली के गांव से कितना दूर?
    आप तो हवाईजहाज का टिकट दिलाने की बजाय एक एलपीजी सिलिण्डर दिलवा दें – बड़ी किल्लत है!

  9. उच्च पद प्राप्त काकेश जी, आपने इतना झटक दिया कि हम अभी तक झटके जा रहे हैं। अपना टिकट कनफर्म कराने के लिए ई टिप्पणी कर रहे हैं। और हां, हम भी तंबू में नहीं रहेंगे। फुरसतिया जी को ही तंबू मुबारक। और आपको होली मुबारक।
    मस्त रहे, सब सहें। रिमझिम सरिया…

  10. ई साला, हम यहाँ अमेरिका में अकेले रह गये, एकमात्र जोड़ीदार भी कनाडा छोड़ भारत भाग गया अव समझ आया कि ये उच्च पद का चक्कर है जो काकेश को मिल गया, फोन वाले कानटेक्ट आखिर काम ही आ गये।

    काकेश भाई, तरकश में जो सुन्दरियां है (आपने तो देखी ही हैं) उनमें से कौन सी अपनी सैक्रेटरी रख रहे हो।

  11. मेरी तो यही समझ में ही नहीं आ रहा कि यह होली की मसखरी है या सच। लेकिन हां,अगर सच है तो इस नाचीज़ की भी टिकट भेज देना। और मेरे ई-मेल पर इस का पता देना। धिक्कार है मुझे अपने आप पर कि अभी तक गोवा का दर्शन ही नहीं किया । अब तो सारी उम्मीदें बलोगवाणी के ऊपर ही हैं। तो, सूटकेस तैयार कर रखूं।

  12. ( सोचते हुए loud thinking)मैं कुछ दिन ब्लोग्गिंग से दूर क्या हुआ.इतनी बडी बडी घटनायें हो गयीं.
    अब मुझे मैथिली जी या अरुन जी से ही नहीं बल्कि सिरिल ( जी) और “श्री श्री” काकेश जी से भी ईर्ष्या हो रही है
    (प्रकट में ) – वाह वाह बधाई हो, बन्धु,क्या बात है . की गल है ? अब तो “गू” गल है.

    अब तो सब खूब छनेगी गोवा में.

    ( कृपया इसे एक नहीं “अनेक” टिप्पणी माना जाये. मेरे सारे परिवार की तरफ से बधाई. परिवार ही क्यों ,पूरे खान्दान की तरफ से बधाईईईईईईए)
    और हा…ं टिकटें तैयार रखना.. हां नहीं तो …..
    ?

  13. Jis aatmeeyata se aap ne Blogvani ko badhayi di,vah achchha laga. varna aaj kal blog-jagat ke kamre khoob divarein tan-ne mein lage hain.jaise jane kya to bunt raha hai. Holi mangalmay ho.

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