अपनी पिछ्ली पोस्ट में मैं कुछ उधेड़बुन में था कि ब्लौग क्या बिना उद्देश्य के भी लिखा जा सकता है … आप लोगों की टिप्पणीयों से साहस बंधा कि मुझे इस प्रश्न पर सर खपाने की बजाय लिखते रहना चाहिये …. इसलिये अब अपने सारे पूर्वाग्रह और दुराग्रह छोड़ के फिर से उपस्थित हुआ हूँ… Continue reading क्या केवल “सैक्स” ही बिकता है..एक “सैक्सी” विश्लेषण..
Author: काकेश
मैं एक परिन्दा....उड़ना चाहता हूँ....नापना चाहता हूँ आकाश...
ब्लौगिंग का उद्देश्य .. और अपनी पहचान..
आज कई दिन बाद फिर से अवतरित हुआ हूँ इस ब्लौग में… इस बीच ना जाने कितने नये ब्लौग आ चुके होंगे और नयी पोस्ट तो और भी ज्यादा होंगी ..लेकिन मैं कुछ भी पोस्ट करने का साहस नहीं जुटा पा रहा था ..एक तो समय की कमी और दूसरी मन में ब्लौग को लेकर… Continue reading ब्लौगिंग का उद्देश्य .. और अपनी पहचान..
अरे वाह हम भी लिंक्ड हुई गवा…
कल प्रमोद दद्दा पूछे कि “आप लिंक्ड है कि नहीं” हम सोचे ई का हो गया ….दद्दा सकाले सकाले का पूछ रहे हैं …वो भी सार्वजनिक रूप से . अब हम कैसे बतायें कि हम लिंक्ड है कि नहीं..वो भी सबके सामने…..घर में एक अदद बीबी भी है ना…. फिर जब पोस्ट में पढ़े तो… Continue reading अरे वाह हम भी लिंक्ड हुई गवा…
चने की झाड़ पर ..घोड़े ..और चिट्ठाकार !
आज बात करते हैं हिन्दी के कुछ चिट्ठाकारों के साथ हुए मेरे अनुभवों की .. कल लंच के समय बाहर निकला ही थी कि हिन्दी के एक चिट्ठाकार मिल गये.टीका-वीका लगाये थे और इतनी गर्मी में भी फ्रैश फ्रैश लग रहे थे … रिलांयस फ्रैश की तरह….लगता था जैसे अभी अभी हिल स्टेशन घूम के… Continue reading चने की झाड़ पर ..घोड़े ..और चिट्ठाकार !
वेतन बढ़ोत्तरी और गीता ज्ञान…
आजकल हमारी कंपनी , जिसमें मैं काम करता हूँ, में इंक्रीमेंट (वेतन बढ़ोत्तरी) का सीजन है…आमतौर पर अधिकतर कंपनियों में ये सीजन मार्च-अप्रेल के दौरान प्रारम्भ हो जाता है…इसकी शुरुआत होती है एक विशेष रंग में रंगे फॉर्म से (फॉर्म का रंग प्रत्येक कंपनी का अपना होता है लेकिन मेरे अनुभव के अनुसार अधिकतर कंपनियों… Continue reading वेतन बढ़ोत्तरी और गीता ज्ञान…
प्यार हो तो ऎसा !!!
ये पोस्ट मैने अपने दूसरे चिट्ठे पर लिखी थी…पर ना जाने क्यों नारद पर नहीं आयी ..इसलिये यहाँ पर पोस्ट कर रहा हूँ…शायद अब नारद पर आ जाये…. आपने जिम और डेला की कहानी तो पढ़ी ही होगी…यदि नहीं पढ़ी तो थोड़ा इसके बारे में भी बता दूं..ये कहानी ओ हैनरी ने लिखी थी. ..कहानी… Continue reading प्यार हो तो ऎसा !!!
“भोमियो” का फायदा…..
जब रवि जी ने बताया कि भोमियो में अब प्रोक्सी सर्वर के द्वारा बहुत सी भाषाओं मे लिप्यांतर की सुविधा है तो बहुत से चिट्ठाकारों ने अपने अपने चिट्ठे मे लिप्यांतर का कोड लगा दिया.इसे लगाने में देर मैने भी नहीं की और अपने ब्लॉगस्पॉट वाले चिट्ठे पर इसे लगा दिया. तब तो लगा नहीं… Continue reading “भोमियो” का फायदा…..
मेरी बिरयानी…तेरा दाल भात …????
मेरा ऎलान :ये मेरी व्यक्तिगत रुचि-अरुचि से जुड़ी हुई मौज है- आप इस पर या तो प्रशंसा भाव से (टिप्पणी) लिखें, या आलोचना की एक ग्राह्य शैली में ही अपनी (टिप्पणी) बात रखें. लेकिन जो भी करें …करें जरूर. अभी आज ही जब हमने इतना अच्छा गाना गाया तो लोगों ने सुना ही नहीं (अभी… Continue reading मेरी बिरयानी…तेरा दाल भात …????
गधा मिलन को जाना
अरूण भाई ने कल जब अपनी करुण कहानी सुनायी तो हमने सोचा कि अरूण भाई से दोस्ती निभा ही लें (वैसे दोस्ती नहीं निभानी थी..हमें तो डर था कि कहीं हमसे ही पंगा ना ले लें) और उसी भावावेश में लिख दिया. अरे अपने बिरादरी के लोगों से कैसा घबराना, जरूरत पड़े तो हमें भी… Continue reading गधा मिलन को जाना
क्या आप योग के लिये पैसा देंगे..??
क्या आपको मालूम है आप अपने घर में अब योगाभ्यास नहीं कर सकते ? क्योंकि यदि आप योगाभ्यास करेंगे तो आपको श्री विक्रम चौधरी जी को पैसे देने पड़ेंगे…..क़्योकि योग का आविष्कार भले ही उन्होने न किया हो योग का पेटेंट उनके नाम जरूर है. आज सुबह जब उठा तो सोचा बहुत मोटे हो रहे… Continue reading क्या आप योग के लिये पैसा देंगे..??