जब पहली पॉडकास्ट आप सब के सामने प्रस्तुत कर रहा था तो यह नहीं सोचा था कि इतने सारे लोग उस पॉडकास्टको सुनेंगे, पर आप द्वारा दी टिप्पणियों से उत्साह वर्धन हुआ और आज लेकर आया हूं एक और पॉडकास्ट।
इस पॉडकास्ट में मैंने थोड़ा सा नया प्रयोग करने का प्रयास किया है।
पॉडकास्ट यहां सुनें
इस पॉडकास्ट में मेरी आवाज के अतिरिक्त मेरी एकमात्र पत्नी (अभी तक 🙂 ) और 4 माह के पुत्र की आवाज के साथ एक स्पेशल आवाज भी है।
अपनी टिप्पणीयों से उत्साह वर्धन करें।
काकेश भाई ये भी शानदार और सफ़ल प्रयोग रहा, मज़ा आ गया सुन के।
आप पॉडकास्ट को यहीँ embed कर दीजिये न, और अब अगर WordPress ये टैग प्रयोग करने की अनुमति नही देता तो क्यो न Blogger पर पोड्कस्ट के लिये Special ब्लॉग बनाया जाये 🙂
आपकी पहली पॉडकास्ट भी सुनी थी..दोनो बढिया हैं!! पढने का अन्दाज पसँद आया..लगता है आप AIR के लिये काम करते हैं! लेकिन ये क्या बच्चे को चप्पल तो न कहें..अपने आप को चाहे कुछ भी कह लें..
आपका नया प्रयोग भी देखा आइ मीन सुना ..अच्छा है भाई अच्छा है ..तो अब आप भी हिन्दी भाषी ब्लौग इतिहास के कुछ हो गये क्या ? आपकी आवाज के साथ साथ भाभी जी की आवाज भी अच्छी है ..और आपके सुपुत्र के तो क्या कहने .आगे भी इंतजार रहेगा.
बहुत बढिया, काकेश ,इस नये प्रयोग के लिये बधाई ! आगे और भी पोडकास्टों का इन्तजार रहेगा।
बहुत अच्छा। पर भले मानस बालक को क्यों रुला दिया अपनी पॉडकास्टिंग के लिए – या साउंड इफेक्ट था ?
बहुत सही-पूरा परिवार जुट गया है इस महायज्ञ में. वाह वाह!! जारी रहो! 🙂
धन्यवाद आप सभी का इस उत्साह वर्धन के लिये.
@मिश्रा जी आपके सुझाव को क्रियांवित करूंगा . वर्डप्रेस तो शायद यह अनुमति नहीं देता. ब्लौग्स्पोट पर प्रयास करुंगा.
@ रचना जी दोनों पौड्कास्ट सुनने और अंदाज पसंद करने के लिये धन्यवाद .नहीं में AIR में काम नहीं करता. और बच्चे को चप्पल कहने की बात यह है कि वो संबोधन बच्चे के लिये नहीं बल्कि उस चरित्र के लिये है जिसे वो निभा रहा है. जैसे जूती महाशया की संतान चप्पल ही होगी ना.
@अनुभव जी ,डाक्टर साहब , समीर जी , मसिजीवी जी आपका भी धन्यवाद .
@मसिजीवी जी बालक को विशेष तौर पर नहीं रुलाया गया .वो तो जब रिकार्डिंग कर रहे थे तो वो रोने लगा.तभी विचार आया उस आवाज का प्रयोग करने का.