अकेलेपन का साथी
इस क़िसà¥à¤¸à¥‡ से हमने उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ सीख दिलायी। क़िबला ने दूसरे पैंतरे से घोड़ी खरीदने का विरोध किया। वो इस बात पर ग़à¥à¤¸à¥à¤¸à¥‡ से à¤à¥œà¤• उठते थे कि बिशारत को उनके चमतà¥à¤•à¤¾à¤°à¥€ वजीफ़े पर विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ नहीं। वो ख़ासे गलियर थे। बेटे को खà¥à¤² कर तो गाली नहीं दी। बस इतना कहा कि अगर तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ अपना वंश चलाने के लिये पेडिगà¥à¤°à¥€ घोड़ी ही रखनी है तो शौक़ से रखो, मगर मैं à¤à¤¸à¥‡ घर में à¤à¤• मिनट नहीं रह सकता। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने यह धमकी à¤à¥€ दी कि जहां बलबन घोड़ा जायेगा वो à¤à¥€ जायेंगे।
क़िसà¥à¤¸à¤¾ दरअसà¥à¤² यह था कि क़िबला और घोड़ा à¤à¤• दूसरे से इस हद तक घà¥à¤²-मिल चà¥à¤•à¥‡ थे कि अगर घर वाले न रोकते तो वे उसे डà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤‚ग रूम में अपनी चारपाई के पाये से बंधवा कर सोते। वो à¤à¥€ उनके पास आकर अपने-आप सर नीचा कर लेता ताकि वो उसे बैठे-बैठे पà¥à¤¯à¤¾à¤° कर सकें। वो घंटों मà¥à¤‚ह-से-मà¥à¤‚ह à¤à¤¿à¥œà¤¾à¤¯à¥‡ उससे घर वालों और बहà¥à¤“ं की शिकायतें और बà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤¯à¤¾à¤‚ करते रहते। बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के लिये वो जीता-जागता खिलौना था। क़िबला कहते थे जब से यह आया है, मेरे हाथ का कंपकंपाना कम हो गया है और बà¥à¤°à¥‡ सपने आने बंद हो गये हैं। वो अब उसे बेटा कहने लगे थे। सदा के रोगी से अपने-पराये सब उकता जाते हैं। à¤à¤• दिन वो चार-पांच घंटे दरà¥à¤¦ से कराहते रहे, किसी ने खबर न ली। शाम को घबराहट और मायूसी अधिक बà¥à¥€ तो रसोइये से कहा कि बलबन बेटे को बà¥à¤²à¤¾à¤“। बà¥à¥à¤¾à¤ªà¥‡ और बीमारी के à¤à¤¯à¤¾à¤¨à¤• सनà¥à¤¨à¤¾à¤Ÿà¥‡ में यह दà¥à¤–ी घोड़ा उनका अकेला साथी था।
इक तर निवाले की सूरत
घोड़े को जोत नहीं सकते, बेच नहीं सकते, मरवा नहीं सकते, खड़े खिला नहीं सकते, फिर करें तो कà¥à¤¯à¤¾ करें। जब बà¥à¤²à¥ˆà¤• मूड आता तो अंदर-ही-अंदर खौलते और अकà¥à¤¸à¤° सोचते कि सेठ, सरमायेदार, वडेरे, जागीरदार और बड़े अफ़सर अपनी सख़à¥à¤¤à¥€ और करपà¥à¤¶à¤¨ के लिये जमाने-à¤à¤° में बदनाम हैं। मगर, यह “अतà¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤° वाले†दो टके के आदमी किससे कम हैं। उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ इससे पूरà¥à¤µ à¤à¤¸à¥‡ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤µà¤¾à¤¦à¥€ और आकà¥à¤°à¤¾à¤‚तकारी विचार कà¤à¥€ नहीं आये थे। उनकी सोच में इंसानों से परेशान वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ की à¤à¥à¤‚à¤à¤²à¤¾à¤¹à¤Ÿ उतर आयी। ये लोग तो ग़रीब हैं, दà¥à¤ƒà¤–ी हैं, मगर यह किसको छोड़ते हैं। संतरी बादशाह à¤à¥€ तो ग़रीब है, वो रेहड़ी वाले को कब छोड़ता है और ग़रीब रेहड़ी वाले ने कल शाम आंख बचाकर à¤à¤• सेर सेबों में दो दाग़दार सेब मिलाकर तोल दिये। उसकी तराजू à¤à¤• छटांक कम तोलती है। केवल à¤à¤• छटांक इसलिये कि à¤à¤• मन कम तोलने की गà¥à¤‚जाइश नहीं। सà¥à¤•à¥‚ल मासà¥à¤Ÿà¤° दया और आदर के योगà¥à¤¯ हैं। मासà¥à¤Ÿà¤° नजमà¥à¤¦à¥à¤¦à¥€à¤¨ बरसों से चीथड़े लटकाये जालिम समाज को कोसते फिरते हैं। उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ साà¥à¥‡-चार सौ रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ खिलाये, तब जा के à¤à¤¾à¤‚जे के मैटà¥à¤°à¤¿à¤• के नंबर बà¥à¥‡ और रहीमबख़à¥à¤¶ कोचवान से बà¥à¤•à¤° बदहाल कौन होगा? जà¥à¤²à¥à¤®, जालिम और जà¥à¤²à¥à¤® सहने वाले दोनों को खराब करता है। जà¥à¤²à¥à¤® का पहिया जब अपना चकà¥à¤•à¤° पूरा कर लेता है और मजलूम की बारी आती है तो वो à¤à¥€ वही सब करता है जो उसके साथ किया गया था। अजगर पूरे का पूरा निगलता है, शारà¥à¤• दांतों से ख़ूनम-ख़ून करके खाती है। शेर डॉकà¥à¤Ÿà¤°à¥‹à¤‚ के बताये नियमों के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° अचà¥à¤›à¥€ तरह चबा-चबा के खाता है। बिलà¥à¤²à¥€, छिपकली, मकड़ी और मचà¥à¤›à¤° अपनी-अपनी हिमà¥à¤®à¤¤à¤¾à¤¨à¥à¤¸à¤¾à¤° ख़ून की चà¥à¤¸à¥à¤•à¥€ लगाते हैं। वो यहां तक पहà¥à¤‚चे थे कि सहसा उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अपने इनà¥à¤•à¤®à¤Ÿà¥ˆà¤•à¥à¤¸ के डबल बहीखाते याद आ गये और वो अनायास मà¥à¤¸à¥à¤•à¥à¤°à¤¾ उठे। à¤à¤¾à¤ˆ मेरे! छोड़ता कोई नहीं, हम सब à¤à¤•-दूसरे का खाना हैं। बड़े जतन से à¤à¤•-दूसरे को चीरते-फाड़ते हैं। ‘तब नजर आती है इक लà¥à¥˜à¥à¤®-à¤-तर की सूरत’
जारी………………[अब यह शà¥à¤°à¤‚खला पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• शà¥à¤•à¥à¤°à¤µà¤¾à¤°/शनिवार और रविवार को पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ की जा रही है.]
[उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ खोयापानी की तीसरे à¤à¤¾à¤— “सà¥à¤•à¥‚ल मासà¥à¤Ÿà¤° का ख़à¥à¤µà¤¾à¤¬ से " ]
किताब डाक से मंगाने का पता:
किताब- खोया पानी
लेखक- मà¥à¤¶à¥à¤¤à¤¾à¤• अहमद यूसà¥à¤«à¥€
उरà¥à¤¦à¥‚ से हिंदी में अनà¥à¤µà¤¾à¤¦- ‘तà¥à¤«à¥ˆà¤²â€™ चतà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦à¥€
पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤•, मà¥à¤¦à¥à¤°à¤•- लफà¥à¤œ पी -12 नरà¥à¤®à¤¦à¤¾ मारà¥à¤—
सेकà¥à¤Ÿà¤° 11, नोà¤à¤¡à¤¾-201301
मोबाइल-09810387857
पेज -350 (हारà¥à¤¡à¤¬à¤¾à¤Šà¤‚ड)
कीमत-200 रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ मातà¥à¤°
इस à¤à¤¾à¤— की पिछली कड़ियां
1. हमारे सपनों का सच 2. क़िसà¥à¤¸à¤¾ खिलौना टूटने से पहले का 3. घोड़े को अब घोड़ी ही उतार सकती है 4. सवारी हो तो घोड़े की 5. जब आदमी अपनी नजर में गिर जाये 6. अलाहदीन अषà¥à¤Ÿà¤® 7. शेरे की नीयत और बकरी की अक़à¥à¤² में फ़ितूर 8.महातà¥à¤®à¤¾ बà¥à¤¦à¥à¤§ बिहारी थे 9.घोड़े का इलाज जादू से 10.कà¥à¤¤à¥à¤¤à¥‹à¤‚ के चाल चलन की चौकीदारी
वाह, मीर-à¤-गालिब की शेर-शूरतà¥à¤µ से निपट कर चले आये किबला पर। 🙂
अरे! यह सà¥à¤ªà¥ˆà¤® में नहीं गया!!!
पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¾ जी, मैनें आपके बà¥à¤²à¥‰à¤— का लिंक अपने बà¥à¤²à¥‰à¤— में जोड़ा है। यदि आपको आपतà¥à¤¤à¤¿ हो तो कà¥à¤°à¤ªà¤¯à¤¾ मà¥à¤à¥‡ सूचित कर दें।
कà¥à¤·à¤®à¤¾ कीजियेगा *पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¾ को काकेश पà¥à¥‡à¤‚
आप तो पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ करते चलो-हर बार की तरह इस बार फिर अगली कड़ी का इनà¥à¤¤à¤œà¤¾à¤° है.
देर से आने के लिये माफ़ी 🙂